नमस्कार दोस्तों आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में Jwala Devi Mandir Himachal Pradesh के बारे में जानकारी देने वाले है , यदि आप Jwala Devi Mandir Himachal Pradesh के बारे में जानना चाहते है तो इस पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़े ! ज्वाला देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिले में कालीधर पहाड़ी पर मौजूद है। जो 51 शक्तिपीठों में से एक है
ज्वाला देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश की निम्न जानकारी देंगे
किंवदंति के अनुसार राक्षसों का हिमालय पर शासन चल रहा था और देवताओं को परेशान कर रहे थे। उनसे परेशान होकर देवताओं ने भगवान विष्णु से निवेदन कर, राक्षसों को नष्ट करने का फैसला किया। इस कार्य को करने के दौरान जमीन से अग्नि की विशाल लपटें उठीं। उस अग्नि में से एक कन्या ने जन्म लिया। उन्हें आदिशक्ति-पहली ‘शक्ति’ सती के रूप में जाना जाता है।
सती या पार्वती के रूप में जानी जाने वाली वह कन्या प्रजापति दक्ष के घर में पली-बढ़ी और बाद में, भगवान शिव की पत्नी बनी। पार्वती के पिता को भोलेनाथ पसन्द नही थे ,एक बार पार्वती के पिता ने अपने घर विशाल यज्ञ की जिसमे भोलेनाथ को निमंत्रण नही दिया और भगवान शिव का अपमान किया यह देख कर माता सती ने उसी हवन कुंड में अपने आप को जलाकर भस्म कर लिया, जब भगवान शिव ने सती की मृत्यु के बारे में सुना तो उनको अत्यधिक क्रोध हुआ और सती के शरीर को लेकर उन्होंने तीनों लोकों में दौड़ना शुरू कर दिया। अन्य देवता उसके क्रोध के आगे कांपने लगे और भगवान विष्णु से मदद की गुहार लगाई। भगवान विष्णु ने सती के शरीर के चक्र से टुकड़े-टुकड़े कर दिए। जिन स्थानों पर टुकड़े गिरे, वहाँ पर 51 शक्तिपीठों का निर्माण हुआ जिनमे से एक ज्वाला देवी हैं यहाँ पर माता सती की जीभ गिरी थी जहां पर ज्वाला देवी आग की छोटी लपटों के रूप में प्रकट हुई थी जो सदियों से चट्टानों की दरारों के बीच निरंतर प्रज्वालित हो रही हैं
Jwala Devi Mandir Himachal Pradesh Mandir Nirman
कहा जाता है कि सदियों पहले एक चरवाहे ने देखा कि उसकी एक गाय कभी भी दूध नही देती थी। एक दिन उन्होंने इसका कारण जानने के लिए गाय का पीछा किया। उसने देखा कि एक लड़की जंगल से गाय का दूध पीती हुई निकल रही थी, और फिर प्रकाश की एक चमक में गायब हो गई। ग्वाला राजा के पास गया और उसे कहानी सुनाई। राजा को इस कथा की जानकारी थी कि इस क्षेत्र में सती की जीभ गिरी थी। राजा ने बिना किसी देरी के उस पवित्र स्थान को खोजने की कोशिश की। फिर, कुछ समय बाद, ग्वाला राजा के पास दौड़ता हुआ गया और राजा से बोला कि उसने पहाड़ों में एक ज्वाला जलती हुई देखी है। राजा ने वह स्थान देखा और पवित्र ज्वाला के दर्शन किए। उसने वहां एक मंदिर बनवाया और पुजारियों को नियमित पूजा में शामिल करने की व्यवस्था की। ऐसा माना जाता है कि पांडवों ने बाद में आकर मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। लोकगीत “पंजन पंजन पांडवन तेरा भवन बनाया” इसकी गवाही देता है। राजा भूमिचंद ने ज्वाला देवी मंदिर का निर्माण करवाया था।
Jwala Devi Mandir Himachal Pradesh History
ज्वालामुखी अनादि काल से एक महान तीर्थस्थल बन गया है। मुगल बादशाह अकबर ने एक बार आग की लपटों को लोहे की डिस्क से ढँककर और पानी की बौछारें करके बुझाने की कोशिश की। लेकिन आग की लपटों ने इन सभी प्रयासों को धराशायी कर दिया। अकबर ने तब यहाँ पर एक सुनहरा छत्र भेंट किया। तो देवी की शक्ति ने सोने को एक अन्य धातु में बदल दिया, जो अभी भी दुनिया के लिए अज्ञात है। हजारों तीर्थयात्री अपनी आध्यात्मिक इच्छा को पूरा करने के लिए साल भर इस मंदिर में आते हैं।
ज्वाला देवी मंदिर का रहस्य
ज्वाला देवी मंदिर में माता 9 ज्वालाओं के रूप में दर्शन देती हैं एवं भगवान भोलेनाथ उन्मत भैरव के रूप में विराजमान हैं। ज्वाला देवी मदिर का रहस्य कोई मूर्ति नहीं है अपितु धरती के गर्भ से निकल रहीं 9 ज्वाला हैं जो निरन्तर जल रही है कोई भी इन ज्वालाओं का रहस्य नहीं पता कर पाया कि यह ज्वालामुखी कैसे निकल रही है। कई भू-वैज्ञानिक खुदाई करने के बाद पता नहीं कर सके कि प्राकृतिक ज्वाला कहां से और कैसे निकल रही है। इस निरन्तर निकल रही ज्वाला को कोई बुझा भी नहीं सका है। कि ज्वाला बिना तेल और बाती के कैसे जल रही हैं,नौ ज्वाला नौ देवियों के स्वरूपों का प्रतीक हैं। मंदिर में सबसे बड़ी ज्वाला जल रही है, वह ज्वाला माताजी हैं और अन्य आठ
मां अन्नपूर्णा, विध्यवासिनी माता, मांचण्डी, मांमहालक्ष्मी, हिंगलाज माता, सरस्वती माता, अम्बिकादेवी एवं मांअंजी देवी माता हैं
Jwala Devi Mandir Himachal Pradesh Information
ज्वाला देवी मंदिर कहाँ है
ज्वाला देवी कैसे पहुंचे
ज्वाला माता का इतिहास
चंडीगढ़ से ज्वाला देवी की दूरी
दिल्ली से ज्वाला देवी की दूरी
कटरा से ज्वाला देवी की दूरी
ज्वालाजी मंदिर हिमाचल प्रदेश
माँ ज्वाला देवी मंदिर कहाँ स्थित है?
ज्वाला देवी कौन से जिले में?
ज्वालाजी मंदिर के दर्शन कैसे करें?
ज्वाला देवी कैसे पहुंचे
ज्वाला देवी मंदिर कहाँ है ?
ज्वाला देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिले में कालीधर पहाड़ी पर मौजूद है। जो 51 शक्तिपीठों में से एक है
ज्वाला देवी की यात्रा कैसे करें ?
ज्वाला देवी मंदिर ट्रेन टैक्सी कैब या बस की सुविधा लेकर मां ज्वाला देवी मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते है
चंडीगढ़ से ज्वाला देवी की दूरी ?
31.9 km via NH 7 Time 47 min
दिल्ली से ज्वाला देवी की दूरी ?
419.2 km via NH 44 Time 8 hr 31 min
ज्वाला देवी कौन से जिले में?
ज्वाला देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश , कांगड़ा जिले में कालीधर पहाड़ी पर है
कटरा से ज्वाला देवी की दूरी ?
267.7 km via NH 44 Time 6 hr 1 min
ज्वाला देवी से शिवखोड़ी की दूरी
326.3 km via NH 44 Time 8 hr 31 min
उम्मीद करते है कि आपको “ Jwala Devi Mandir Himachal Pradesh ज्वाला देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश ” के बारे में पढ़कर आनंद आया होगा | चारधाम यात्रा बद्रीनाथ मंदिर का इतिहास और मान्यताये ! के बारे में जरुर जाने |